आज इस लेख में मैं आपको चार ऐसे उपायों के बारे में बताने वाले है जिनका इस्तेमाल करके हमने आज तक अपने शरीर को बीमारियों से दूर रखा है। इन उपायों का जो भी पालन करेगा जिंदगी में कभी उसको कोई बीमारियां या समस्याएं नहीं आएंगी।
पिछले 10 सालों से मैं इन उपायों का पालन कर रहा हूं। मेरा ब्लड प्रेशर नॉर्मल है थायराइड नार्मल है कोलेस्ट्रॉल भी नॉर्मल है। पिछले 10 सालों में कभी सर्दी खांसी नहीं हुई गला नहीं बैठा, कभी हॉस्पिटल नहीं गया ना ही डॉक्टर का चेहरा देखा क्योंकि कभी जरूरत ही नहीं पड़ी। इसका कारण है कि हम निरोगी और स्वस्थ है।
आयुर्वेद में लिखा गया है कि किसी भी इंसान को अगर बीमारियों से दूर रहना है तो चार चीजों का उसे ख्याल रखना होगा। आपको अपनी वात, पित्त और कफ का संतुलन रखना है। इन तीन चीजों का संतुलन बिगड़ने से हमारे शरीर में विभिन्न रोग उत्पन्न होते हैं।
वात का संतुलन बीगडने से 80 बीमारियां होती है। पित्त का संतुलन बिगड़ने से 40 बीमारियां होती है और कफ और संतुलन की वजह से 28 बीमारियां होती है। अगर तीनों बिगड़ जाए तो 148 बीमारियां होती है। रोगों में कैंसर को आखरी बीमारी माना जाता है और यह भी इन तीनों के असंतुलन की वजह से होता है।
आयुर्वेद में चरक, सुश्रुत जैसे कई महान आयुर्वेदाचार्य हुए। ऐसे ही एक ऋषि थे बागवट। बागवट ऋषि ने किताब लिखि जिसका नाम है अष्टांग र्ह्दयम और अष्टांग संग्रह।
इस किताब में उन्होंने सात हजार उपायो के बारे में बताया उनमें से मैं आपको चार प्रमुख उपायो के बारे में बताने जा रहा हूं।
जिंदगी भर स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए चार जबरदस्त उपाय
- पहले उपाय है खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पीना।
अब आप कहोगे कि यह कैसे संभव है?
ऋषि बागवट कहते हैं कि “भोजनांते पिबेत जलम् इति सम विषम”, अर्थात खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने यह विश पिने के समान होता है।
अब इसे विस्तार से जानते हैं – खाना खाने के बाद यह पेट में जमा होता है जिसे कहते हैं जठर। जातर में खाना जमा होने के बाद इसमें आग जलती है। जिसे जठर अग्नि भी कहते हैं। यह अग्नि खाने को पचाने का काम करती है। जिस प्रकार रसोई में अग्नि से खाना पकाया जाता है इस प्रकार जठर में इसे पचाया जाता है। खाना खाने के बाद अगर आपने ठंडा पानी तो यह पानी उसे आग को बुझाएगा। क्योंकि आज और पानी की कभी दोस्ती नहीं हो सकती। आग बुझाने की वजह से पेट में जमा हुआ खाना वैसे ही पड़ा पड़ा सड़ने लगेगा और 100 से ज्यादा विषैले रसायनो का निर्माण करेगा।
खाना न पचने की वजह से आप रहते हो कि मुझे पेट में गैस बनती है, खाना हजम नहीं होता, पेट दुखता है या मैं सही से हल्का नहीं हो पता। इन बीमारियों से बचने के लिए खाना खाने के 1 घंटे बाद भी पानी पिए। तब आप पूछोगे कि 1 घंटे बाद की तो 1 घंटे तक ही पेट में यह अग्नी जलती रहती है। इसके बाद अग्नि शांत होती है और आप पानी पी सकते हैं।
खाने से 40 मिनट पहले पानी पी सकते हैं। खाने के तुरंत बाद फलो का रस, नींबू का रस या दूध पी सकते हैं।
2. दूसरे उपाय में आपको घुट घुट करके पानी पीना है
अब आप कहोगे ऐसा क्यों?
घुट घुट पानी पीने से मुंह में मौजूद लार पानी में मिश्रित होकर पेट में जाती है। पेट में अम्लीय गुणधर्म होते हैं। लार में मौजूद क्षारीय गुणधर्म जब पेट में अम्लीय गुणधर्म से मिलते हैं तो चया पाच की क्रिया पेट में अच्छे से होती है। और कभी हमें पेट में जलन या कब्ज की समस्या नहीं आती।
3. तीसरा नियम है कि कभी ठंडा या फ्रिज में रखा पानी न पिये
हमारा शरीर गर्म होता है जब हम ठंडा पानी पीते हैं पेट में लड़ाई मच जाती है कि पेट शरीर को ठंडा करें या गर्म करें। अगर पेट में शरीर को ठंडा किया तो इससे हृदय और मस्तिष्क भी ठंड पड़ जाएगा और आपकी जिंदगी इससे दाव पर लग सकती है। अगर शरीर में ज्यादा गर्म किया तो बार-बार स्टुल पास करना पड सकता है। पशु पक्षी कभी भी ठंडा पानी नहीं पीते इसीलिए आप भी न पिये।
4. चौथा नियम है के उठने के तुरंत बाद पानी पिये।
दो-चार गिलास पेट भर पानी पीने से बड़ी आत की सफाई होती है इस सफाई की वजह से बड़ी आंत में प्रेशर बनता है और आप तुरंत पेट खाली करने के लिए भागते हो। इस सफाई से पेट तुरंत खाली हो जाता है और दिन भर आपको दूसरी बार पेट साफ करने की जरूरत नहीं पड़ती।
आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। किसी अन्य उपाय के बारे में जानकारी की आवश्यकता हो तो मुझे कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने प्रिय जनों और दोस्तों के साथ भी शेयर करें धन्यवाद।